शधाणूं 5:3 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान3 पर पतरसै तेऊ लै बोलअ, “हनन्याह, राख्सै तेरै मनैं अह गल्ल किल्है पाई कि तूह पबित्र आत्मां का झ़ुठअ बोले, कि ज़िम्मीं बेच़ी करै भेटै दै ढबै मांझ़ै तूह धख च़ोरी डाहे? Faic an caibideilकुल्वी3 पर पतरसै बोलू, “हे हनन्याह! शैतानै तेरै मैना न ऐ गैल किबै पाई कि तू पवित्र आत्मा सैंघै झ़ूठ बोलला होर ज़मीनै री कीमती रै किछ़ ढैबुऐ आपु हागै रखला? Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम3 पतरसे बोलू हे हनन्याह! कि शैतान तेरे मने यह गअल किबे आणी कि तूह पवित्र आत्मा बे झूठ बोले, होर भूमि रे दामा मेंज़ा का कुछ डाहे? Faic an caibideil |