शधाणूं 5:1 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान1 हनन्याह नांओं बी त एक मणछ और तेऊए बेटल़ी सफीरा बी बेच़ी आपणीं ज़िम्मीं का धख ज़ेही। Faic an caibideilकुल्वी1 “हनन्याह नाँ रै मांहणु होर तेइरी लाड़ी सफीरै आपणै धन दौलता न किछ़ हिस्सा बेच़ु, Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम1 हनन्याह ना रअ एक मणश होर तेऊरी लाड़ी सफीरा कुछ जमीन बेची। Faic an caibideil |