शधाणूं 28:3 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान3 ज़ांऊं पल़सी झ़ुको बरिंडअ झाल़ी करै आगीए घैनै दी पाअ, ता एक झ़रीली दानअ निखल़ी आगीए गरमीं करै और सह पल़ेठुई पल़सीए हाथै। Faic an caibideilकुल्वी3 ज़ैबै पौलुसै लकड़ी रा गठा खोलिया औगी पैंधै रखू ता औगी रै सेक लागिया एक कीड़ा निकता होर पौलुसै रै हौथा न लपेटुआ। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम3 जेबा पौलुस झुका रअ कुंभडू कठे करी करे आगि में ठोकू, तेबा तेता कअ सर्पा सेटा कअ निखली करे होर तेऊरे हाथा में लिंबडू। Faic an caibideil |