शधाणूं 28:25 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान25 इहअ करै निं तिंयां आप्पू मांझ़ै एक मत्त हई सकै। तेखअ नाठै तिंयां पल़सीए एसा गल्ले बोल़णैं दी तिधा का, “पबित्र आत्मां आसा परमेशरे गूर याशायाहे कताबा दी थारै पित्तरा का ठीक ई बोलअ द, (याशायाह 6:9-10) ‘डेऊ इना लोगा लै बोल, Faic an caibideilकुल्वी25 बै ते लोका आपु न एक मत नी हुऐ ता पौलुसै री ऐसा गैला बोलणै सैंघै तौखै न भैगै कि, पवित्र आत्मै यशायाह भविष्यवक्तै रै ज़रियै तुसरै बुज़ुर्गा बै ठीक बोलू, Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम25 जेबा आपु में एकमत नांई होई, तेबा पौलुसा रे ऐसा गला रे बोलण कअ तखा कअ नाठे कि पवित्र आत्मा यशायाह भविष्यद्वक्ता संघे थारे बजुर्गा कअ ठीक ही बोलू दा साहा, कि नांही करे याह लोका का बोला । Faic an caibideil |