शधाणूं 26:31 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान31 ज़ांऊं तिंयां बागै नाठै ता तिंयां लागै ज़ुदै-ज़ुदै डेऊई करै आप्पू मांझ़ै बोलदै, “अह मणछ इहअ ता किछ़ै निं करा, ज़ुंण कैद करनै और मौते सज़ा जोगी आसा।” Faic an caibideilकुल्वी31 होर तै जाँदै-जाँदै आपु न बोलदै लागै, ऐ मांहणु ता मौऊत होर बन्धना लायक ऐण्ढा किछ़ नी केरदा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम31 होर अलग नांही करे आपु में बोलदे लागे, यह मणश एह्ड़ा ताह कीछे नांई करदअ जोह मृत्यु दण्ड या जेहला रे बंधना में डाहणे लायक साहा। Faic an caibideil |