शधाणूं 23:9 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान9 तेखअ मच़अ बडअ हाल्लअ-गोल्लअ और कई शास्त्री तै फरीसी लोगा पक्षा दी, तिंयां उझ़ुऐ खल़ै इहअ बोली करै किअ तिन्नैं झ़गल़अ, “हाम्हां का निं एऊ मणछा दी किछ़ै बूरी गल्ल शुझदी, ज़ै कुंणी भूत और स्वर्ग दूता संघै गल्ला की तै किज़ै हुअ?” Faic an caibideilकुल्वी9 तैबै बड़ा हुलड़ मच़ू होर ज़ेतरै शास्त्री फरीसी मौंझ़ै न ती, ते ऐण्ढा बोलिया बैहस केरदै लागै कि आसै ऐई मांहणु न कोई बुराई नी हेरदै अगर कोई स्वर्गदूत या आत्मा ऐईन बोला सा ता तैबै कि हुआ। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम9 तेबा बड़ा हाला मचु होर कुछ शास्त्री जोह फरीसी दला रे, खडे उठी होर यह बोली करे झगडदे लागे, हामा एऊ मणशा में कोई बुराई नांई पाई होर ज़ेबा कोई दुष्टात्मा या स्वर्गदूत तेऊका बोला तेबा होर कैह? Faic an caibideil |