शधाणूं 20:34 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान34 तम्हां का आसा थोघ कि मेरै इनै हाथै की मेरी और मेरै होरी साथीए ज़रुरत पूरी। Faic an caibideilकुल्वी34 तुसै आपु ज़ाणा सी कि मैं आपणै हौथै आपणी होर सैंघी री ज़रूरता पूरी केरी।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम34 तमे आपे ही जांणदा कि याही हाथे मेरी होर मेरे सघी री जरूरता पूरी करी दी। Faic an caibideil |