शधाणूं 2:40 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान40 पतरसै समझ़ाऊऐ होरी गल्ला दी बी गवाही दैई करै, “आप्पू रहा एसा कदुष्ट पोस्ती का बच़ी।” (बधान 32:5; भज़न 78:8) Faic an caibideilकुल्वी40 पतरसै बोहू सारी गैलै री गुआही देईया समझ़ाऐ, कि “तुसै आपु बै ऐसा टेढी ज़ाति न बच़ात्।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम40 तेऊ बहू होरा गला संघे भी गुआही दीनी होर बिनती करी कि आपणे आपा बे बुरी जाति कअ बचाई डाहे। Faic an caibideil |
“ज़ै तम्हैं मुंह आपणअ प्रभू मनणै और मेरी शिक्षा मनणै का इहअ एसा डरै हुधिए कि एऊ ज़मानें पापी और कंज़रै लोगा करनअ थारअ सुहांग, तै हुधणअ तेभै मुंह मणछे शोहरू बी कि तम्हैं निं मेरै च़ेल्लै आथी ज़ेभै हुंह आपणैं पबित्र स्वर्ग दूता संघै पृथूई दी फिरी एछणअ। तेभै भाल़णअ सोभी मेरअ प्रतप ज़िहअ मेरै बाप्पूओ आसा।”