शधाणूं 2:3 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान3 तिन्नां का शुझुई आगीए लुपल़ै ज़ेही ज़िभा निखल़दी और तिन्नां मांझ़ै हरेकी प्रैंदै एछदी। Faic an caibideilकुल्वी3 होर तिन्हां न औगी री ज़ीभा सांही फुटदी हेरूई होर तिन्हां हर एकी पैंधै ठहरी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम3 होर त्याह आगि साही जीभ फुटदी हेरदी लागी होर त्याहरे घरा में इंहदी लागी। Faic an caibideil |
पबित्र आत्मां दैआ एकी मणछा लै च़मत्कार करने शगती और दुजै लै दैआ परमेशरो समाद खोज़णेंओ बरदान; और एकी होरी लै दैआ एसा गल्ला परखणैंओ बरदान कि ज़ुंण बरदान आसा सह पबित्र आत्मां का आसा कि बूरी आत्मां का आसा। एकी मणछा लै दैआ सह कई रंगे भाषा-बोली बोल़णैंओ गूण ज़ुंण तेऊ कधि निं होए शिखल़ी दी, और कई लै दैआ सह तैहा भाषा-बोलीओ मतलब खोज़णेंओ गूण ज़ुंण तेऊ कधि निं शिखल़ी।