शधाणूं 19:32 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान32 पर तिन्नां खास्सै लोगे जेल्ह-मरेल्ही मांझ़ा का लागै कोई किछ़ बोलदै और कोई किछ़ लैल़ा लांदै। सभा दी आसा तै लोग डरै दै और कई लोगा का निं इहअ थोघ बी आथी त कि हाम्हैं इधी कठा किल्है आसा हुऐ दै। Faic an caibideilकुल्वी32 तैबै कोई किछ़ चिलाँदा लागा होर कोई किछ़ किबैकि सभा न बड़ी गड़बड़ी होंदै लागी ती होर बोहू सारै लोका ऐ बी नी ती ज़ाणदै ती कि आसै किज़ी बै कठा हुऐ सी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम32 तखे लोका एखा जोर-जोर बोलदे लागे थी, होर एखा हाले पाउदे लागे थी, किबेकी सभी में बड़ी गडबडी लागी दी हुन्दी थी, होर कई लोका यह भी नांई जांणदे थी, कि हामे कठे किबे होई दे आसा। Faic an caibideil |