शधाणूं 19:26 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान26 “तम्हैं भाल़ा बी और शूणां बी कि सिधअ इफिसुस नगरी ई निं, पर सारै एशिया दी पाऐ एऊ पल़सी बडै भारी लोग इहअ शकाऊई करै कबाता, ‘ज़ुंण च़िज़ा कुंण कारीगीर हाथा करै बणांआ सह निं परमेशर हंदअ।’ Faic an caibideilकुल्वी26 तुसै हेरा होर शुणा सी कि सिर्फ़ इफिसुसा शैहरा न नी बल्कि सारै आसिया न पौलुसै लोका समझाऐ होर भड़काऐ सी कि ज़ो हौथै री कारीगिरी सा ते ईश्वर नी ऑथि। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम26 तमे हेरदा होर शूणदा कि कबल इफिसुसा में नांई, पर सारे आसिया में यह बोली करे, एऊ पौलुसे बहू लोका समझाई होर भरमाई दे साहा। कि जोह हाथा री कारीगरी साहा त्याह इश्वर नांई। Faic an caibideil |
बाकी मणछ, ज़ुंण तिन्नां माहा मरी करै नांईं मूंऐं, तिन्नैं निं आपणैं बूरै कामां का मन बदल़अ। तिन्नैं निं हत्या, ज़ादू टोणअ, कंज़रैई, च़ोरी करनी छ़ाडी। तिन्नैं निं भूत और तिन्नां च़िज़े भगती और पूज़ा करनी छ़ाडी ज़ुंण तिन्नैं आपणैं हाथा करै आसा बणांईं दी, ज़िहै कि सुन्नैं, च़ंदी, पितल़, पात्थर और काठा करै बणीं मुर्ति ज़ुंण नां भाल़ी सकदी और नां शूणीं और नां हांढी सकदी। (2 इतिहास 34:25)