शधाणूं 17:31 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान31 किल्हैकि तेऊ आसा एक धैल़ी एही डाही दी ज़ेथ परमेशरा तेऊ मणछा करै धर्मां दी सारै संसारो न्याय करनअ ज़ुंण तेऊ छ़ांटअ द आसा, और सह किअ मरी करै बी ज़िऊंदअ और इहअ करी करै की तेऊ अह गल्ल सोभी लै प्रगट।” (भज़न 9:8; 72:2-4; 96:13; 98:9; याशायाह 2:4) Faic an caibideilकुल्वी31 किबैकि तेइयै एक रोज़ ठहराऊ सा तेई बौगतै तेई, तेई मांहणु रै द्वारा धर्मा सैंघै दुनिया रा न्याय केरना ज़ो तेइयै ठहराऊ सा होर मूँऐंदै न ज़िन्दै केरिया ऐ गैल सैभी पैंधै साबित केरी सा।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम31 किबेकी तेऊ एक धयाडी ठहराईदी आसा, जासू मे तेऊ मणश रे साबे धर्मा संघे एऊ संसारा रा न्याय करणा जूण तेऊ ठहराऊदअ साहा, होर सह मुंऐ दे मेंज़ा का जी करे तेऊ ऐसा गला रा प्रमाण भी सभी बे दीना। Faic an caibideil |
ज़िहै कि कई बारी एकी-दुजै लै हाथ डाही करै प्राथणां करनी और परमेशरा किहअ करै करने म्हारी मौत हणैं का बाद भी ज़िऊंदै और सोभिओ न्याय करी करै रहणैं सदा ज़िऊंदै। कई रंगे डुबकी और सदा रहणैं आल़ी ज़िन्दगीए बारै आसा एही होर बी खास्सी गल्ला करना लै तेता होए केभै होरी बारी करी। ज़ै परमेशर हाम्हां लै एतो मोक्कअ दैए।