शधाणूं 17:28 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान28 “किल्हैकि हाम्हैं रहा तेऊ ई दी ज़िऊंदै, हांढदै-फिरदै और खल़ै टेकी। तम्हां मांझ़ै आसा कई इहअ बी बोलअ द, ‘हाम्हैं आसा तेऊए ई लुआद।’ Faic an caibideilकुल्वी28 किबैकि आसै तेही न ज़िन्दै रौहा सी, च़ला-फिरा सी होर स्थिर रौहा सी; ठीक तैण्ढै ज़ैण्ढै तुसरै कवियै बोलू सा, कि आसै ता तेही परमेश्वरै री औलाद सी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम28 किबेकी हामे तेऊमें ही जिऊंदे रंहदा, जेडहा थारे केतरे ही कविये बोलू दा भी साहा, हामे तेऊरे ही वंशज सा। Faic an caibideil |
सह शोहरू ई आसा तेऊए प्रतपो प्रैशअ और सह तेऊ ई करै लागा हाम्हां का थोघ की परमेशर किहअ आसा, सह आसा हर गल्ला दी तेऊ ई ज़िहअ और तेऊए बैणा दी आसा एही शगती कि सारअ भ्रमंड रहा तिहअ ई काम करदअ लागी ज़िहअ सह आसा, तेऊ किऐ मणछे पाप दूर और तेखअ बेठअ सह स्वर्गै सर्वशक्तिमान परमेशरे दैहणीं बाखा सोभी का बडी पदबी दी।