शधाणूं 16:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 इहअ करै रही विश्वासीए मंडल़ी विश्वासा दी पाक्की हंदी लागी और गिणती दी रही हर धैल़ै बढदी लागी। Faic an caibideilकुल्वी5 ऐण्ढै तैरहै मण्डली विश्वासा न स्थिर होंदै रौही होर गिणती न बढ़दी रौही। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 एडी तरह कलीसिया बुशाहा में पाकी हुन्दी रही होर संख्या में रोज बढ़दी रही। Faic an caibideil |