शधाणूं 16:37 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान37 पर पल़सी बोलअ तेऊ लै, “तिन्नैं हाम्हैं रोमी मणछ बाझ़ी दोशै सोभी लोगा सम्हनै च़िकै और कैद खानै दी बी पाऐ, ऐबै बोला कि च़ुप-च़ुपै डेओआ! इहअ निं हंदअ! पर तिन्नां बोला इहअ कि आप्पै एछा इधा लै और तेखअ निंयां हाम्हां बागा लै!” Faic an caibideilकुल्वी37 पर पौलुसै ज़ोरा सैंघै बोलू, “तिन्हैं आसाबै ज़ो रोम देशा न रौहणु आल़ै मांहणुऐ दोष साबित केरै बगैर आसै लोका सामनै मारै होर जेला न पाऐ होर ऐबै आसाबै च़ुप-च़ाप खोला सी? पर ऐण्ढा नी ऑथि पर ते आपु एज़िया आसाबै बाहरै नेलै।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम37 पर पौलुसे त्याह का बोलू, त्याह हामे जोह रोमी मणश साहा, दोषी ठहराई बिना लोका सामने चिकी होर जेला में डाही। एबा केह हामा चुप-चाप काहडने लाई? एडहा नांई; तेबा त्याह आपे इच्छी करे हामा बागे काहडे। Faic an caibideil |