शधाणूं 16:2 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान2 तेऊओ त लुस्रा और इकुनिम नगरीए सोभी विश्वासी भाई मांझ़ै भलअ नांअ। Faic an caibideilकुल्वी2 होर तेइरा नाँ लुस्त्रा शैहर होर इकुनियुमै रै बिश्वासी मौंझ़ै खरा ती। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम2 सह लुस्त्रा होर इकुनियुमा रे भाई में सुनाम थी। Faic an caibideil |
और होरी मणछा लाणअ एसा गल्लो पाक्कअ थोघ कि तैहा आसा हर बगत भलै काम किऐ दै, ज़िहै, तैहा धाचै पाल़ै आपणैं लान्हैं बधिया, तैहा हांढदै फिरदै विश्वासी भाईओ आपणैं घरै अदर किअ होए, होरी विश्वासीए टैहलू ज़ेही सेऊआ होए की दी, खरी दी पल़ै दै लोगे तेसा मज़त होए की दी और सोभी रंगे भलै कामां लै तेसा आपणीं ज़िन्दगी होए दैनी दी।