शधाणूं 15:20 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान20 पर तिन्नां लै दैआ इहअ समाद लिखी कि तिंयां मुर्ति लै बल़ी किऐ दै मासा और लोहू का और गल़ा का मरोक्कै दै मासा का और कंज़रैई का रहै दूर। (मूल़ 9:4; लेबी बधान 3:17; 17:10-14) Faic an caibideilकुल्वी20 पर तिन्हां बै एक चिट्ठी लिखिया भेज़, कि ते मूँआ रै च़ढ़ाऐदै खाँणै बै न खाऐ, व्यभिचारा न होर गौल़ा घुटिया बलि केरूऐदै पशु रै माँस होर लोहू न दूर रौहलै। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम20 पर त्याहबे लिखी करे भेजा कि त्याह मूर्ति री अशुद्धता होर ब्यभिचार होर गलअ घोंटी दे मांसा का लोहू का दूर रहे। Faic an caibideil |
“पर मुखा शुझुई ताह दी एही गलती कि ताह सेटा आसा कई इहै, तूह निं तिन्नां लोगा आप्पू का दूर करदी ज़ुंण बलाम गूरा ज़ेही झ़ुठी शिक्षा दैआ। बलाम गूरै किऐ तै बलाक राज़ै का बोली करै इस्राएली लोग पाप करना लै मज़बूर। तेऊ दैनी ती तिन्नां लै मुर्ति सेटा किऐ दै बल़ीदान की दी च़िज़ा खाणें शिक्षा और कंज़रैई दी ज़िऊंणां लै। (2 पतरस 2:15; गणांई 31:16)
बाकी मणछ, ज़ुंण तिन्नां माहा मरी करै नांईं मूंऐं, तिन्नैं निं आपणैं बूरै कामां का मन बदल़अ। तिन्नैं निं हत्या, ज़ादू टोणअ, कंज़रैई, च़ोरी करनी छ़ाडी। तिन्नैं निं भूत और तिन्नां च़िज़े भगती और पूज़ा करनी छ़ाडी ज़ुंण तिन्नैं आपणैं हाथा करै आसा बणांईं दी, ज़िहै कि सुन्नैं, च़ंदी, पितल़, पात्थर और काठा करै बणीं मुर्ति ज़ुंण नां भाल़ी सकदी और नां शूणीं और नां हांढी सकदी। (2 इतिहास 34:25)