शधाणूं 15:1 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान1 पल़सी और बरनबास आसा तै सिरीया लाक्कै अन्ताकिया नगरी और कई लोग आऐ यहूदा लाक्कै का तिधा लै। संघा लागै तिंयां विश्वासी भाई का इहअ सखाऊंदै, “ज़ै मुसा गूरे रिती रबाज़े साबै थारअ खतैर नांईं होए तै निं तम्हां उद्धार हई सकदअ।” (लेबी बधान 12:3) Faic an caibideilकुल्वी1 फिरी किछ़ यहूदी बिश्वासी यहूदिया देशा न एज़िया अन्ताकिया शैहरा रै लोका बै सिखाँदै लागै, कि “अगर मूसै री विधि रै मुताबक तुसरा खतना नी होला ता तुसै मुक्ति नी पाई सकदै।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम1 तेबा कुछ लोका यहूदिया देशा कअ इच्छी करे भाईओं बे सिखाऊंद लागअ, जेबा मूसा री रीति संघे थारा खतना नांई होला तेबा तमा उद्धार नांई पांऊंणा। Faic an caibideil |