शधाणूं 13:25 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान25 ज़ांऊं युहन्ना आपणैं तेऊ कामां पूरै करनै आल़अ त ज़ुंण परमेशरै तेऊ का सभाल़अ त, ता तेऊ बोलअ इहअ, ‘तम्हैं मुंह किज़ै समझ़ा? हुंह निं मसीहा आथी! हेरा, ज़ुंण मुंह बाद एछणैं आल़अ आसा, सह आसा सोभी का महान और इधी तैणीं कि हुंह निं तेऊ सेटा एता जोगी बी आथी कि हुंह तेऊए पोलल़ै खोल्हणैं च़ाकरी करनै आल़अ टैहलू बणीं सकूं।’ Faic an caibideilकुल्वी25 ज़ैबै यूहन्ना आपणा दौरा पूरा केरनु आल़ा ती, ता तेइयै बोलू, तुसै मुँभै कि समझ़ा सी? हांऊँ सौ मसीह नी ऑथि। पर हेरा, मूँ न बाद एक ऐणु आल़ा सा होर सौ मूँ न बोहू बड़ा सा ज़ौसरी ज़ोंघै रै बूट खोलणै रै लायक बी हांऊँ नैंई ऑथि। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम25 जेबा यूहन्ना आपणी सेवा पूरी करी छेकि, तेबा तेऊ बोलू, तमे माह कैह समझा? हाँऊ सह नांई आंहदअ। पर हेरा, माह बाद एक इंहण आलअ साह, जासकी टांगा का बूटा खोलण रे लायक भी हाँऊ नांई आंहदअ। Faic an caibideil |