शधाणूं 12:14 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान14 पतरसे हाक शूणीं करै ठुर्ही सह बडी खुशी-खुशी भितरा लै और खुशीए मारै बिसरूई सह दुआरा खोल्हणैं बी और तेसा खोज़अ सोभी का, “पतरस आसा दुआरै खल़्हुअ द।” Faic an caibideilकुल्वी14 तेसै आवाज़ शुणिआ पतरस पछ़ियाणु पर तेसै खुशी रै मारै गेट नी खोलू होर ठोर मारिआ भीतरै नौठी होर दैसू कि पतरस द्वारा पैंधै खड़ा सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम14 पतरसा रा शब्द शूणी तेसे खुशी में डेहली रअ दुआर नांई खोलू, पर ठुरी करे भितरा बे नाठी होर खोजू की पतरस बागे दुआरा सेटा खडअ साहा। Faic an caibideil |