2 कुरिन्थी 9:7 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान7 ज़ेभै तम्हैं दान दैआ, ता ज़िहअ तम्हैं मना दी सोठे ता तम्हैं करै तिहअ ई दान, धिठै मनैं और दबाबा दी निं दैई। किल्हैकि “परमेशर करा तिन्नां संघै झ़ूरी ज़ुंण खुल्है दिलै दैआ दान।” (बधान 18:10; सैणीं गल्ला 11:25; 22:9) Faic an caibideilकुल्वी7 हर एक जन ज़ैण्ढा आपणै मना न सोचिया रखा सा तैण्ढाऐ दान केरी न कि कुढ़ी कुढ़िया, होर न दबाव सैंघै, किबैकि परमेश्वर खुशी सैंघै देणु आल़ै सैंघै खुश रौहा सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम7 हर एक मणश जेड़ा मना में सोचा तेडा दान करे; ना कुढ़-कुढ़ाई करे, होर ना दबावा में, किबेकि परमेश्वरा बे खुशी संघे दीण आले संघे प्यार डाहंदा। Faic an caibideil |