2 कुरिन्थी 7:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 किल्हैकि ज़धू हाम्हैं त्रोआस नगरी का मकिदुनिया लाक्कै पुजै, तैबी निं म्हारी देही चैन भेटअ आथी, हाम्हां भेटा त च़ऊ बाखा का दुख! बागै आसा ती लल़ाई लागी दी, और भितरी हआ ती गल्ला-बाता बी डरैऊणीं। Faic an caibideilकुल्वी5 किबैकि ज़ैबै मैं त्रोआस शैहर छ़ौड़ू होर मकिदुनिया प्रदेशा न आऐ, तैबै भी आसाबै कोई चैन नी मिलु, पर आसै च़ोहू पासै न दुःख पा सी; बाहरै झ़गड़ै ती; आँध्रै डौर ती। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 किबेकि जेबा हामे मकिदुनिया में आउए, तेबा भी माहरे शरीरा चैन नांई भेटा, पर हामे चहु फेरा का क्लेश पाउंदा थी; बागे लड़ाई, मीतर डरा री गला थी। Faic an caibideil |