2 कुरिन्थी 7:4 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान4 हुंह आसा लागअ द तम्हां का बडै भरोस्सै संघै बोलदअ, मुंह आसा तम्हां प्रैंदै बडअ ई घमंड और हुंह भर्हुअ सुख शांती करै। हुंह रहअ सारै सांगटा दी भरपूर नंद पल़ी। Faic an caibideilकुल्वी4 हांऊँ तुसा सैंघै बड़ी हिम्मती सैंघै बोलदा लागा सा, मुँभै तुसा पैंधै बड़ा घमण्ड सा; हांऊँ बोहू शान्ति सैंघै भोरुआ सा; आपणै सारै दुःखा न हांऊँ खुशी सैंघै भरपुर रौहा सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम4 हाऊं तमाबे बहू बहु खुली करे बोला, महा तमा पेन्दे बड़ा धमण्ड साहा; हाऊं घमण्ड शांति संघे भरू। आपणे सारे क्लेशा में हाऊं खुशी का अति भरपूर रहंदा। Faic an caibideil |