2 कुरिन्थी 6:10 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान10 हाम्हैं घोर दुखा दी ता ज़ाण्हिंआं पल़ै दै, पर सदा रहा मौज़-मस्ती मनाऊंदै, और दुखी दल़िदरा ज़िहै ता ज़ाण्हिंआं, पर बडै भारी लोगा दैआ हाम्हैं आत्मां दी सेठ बणांईं और हाम्हैं आसा इहै, ज़हा का किछ़ बी निं आथी, तैबी आसा हाम्हां का सोभै गल्ला। Faic an caibideilकुल्वी10 आसै दुःख केरनु आल़ै सांही सी, पर हमेशा खुशी मैना सी, आसै आपु ता गरीब सी, पर बोहू लोका बै आत्मिक रूपा न धनी बणा सी, ऐण्ढै सी कि ज़ैण्ढै आसा हागै किछ़ै नी ऑथि पर तैबै भी सैभ किछ़ रखा सी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम10 शोक करण आले बराबर साहा, पर सदा खुशी करा, कंगाला रे ब राबर साहा, पर बहू धनबान बणाउंदा; एडे ही जेडे हामा सेटा किछे नांई तेबा भी सब कुछ डाहंदा। Faic an caibideil |