2 कुरिन्थी 5:4 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान4 एऊ संसारे देहीए डेरै दी रहा हाम्हैं कबल्लै ई बोझ़ा करै दाभूई। किल्हैकि हाम्हैं निं एसा देही छ़ाडणअ च़ाहंदै पर हाम्हैं च़ाहा इहअ कि परमेशर हाम्हां लै स्वर्गे देही दैए ताकि अह देही ज़ुंण एकी धैल़ी खतम हणीं अह अमर देही दी बदल़े। Faic an caibideilकुल्वी4 होर आसै ऐई शरीर रुपी डेरै न रौंहदी घेरै दुःखा रै बौझा बै सौहंदै रौहा सी, किबैकि आसै इन्हां संसारिक शरीरा बै नैंई छ़ौड़ना च़ाँहदै, पर आसै चाहा सी कि परमेश्वर आसाबै स्वर्गीय शरीर दै। ताकि नाश होंणु आल़ा ऐ शरीरा हमेशा री ज़िन्दगी न बदलुआ लोड़ी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम4 होर हामे एसा डेरे में रहंदे वकते बोझा का दबी करे कराहंदे रहंदा, किबेकि हामा उतारना नांई पर बानणा चाहंदा, कि जोह मरणहार साहा जीबना में डूबण। Faic an caibideil |