2 कुरिन्थी 4:16 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान16 म्हारअ मन निं धिठअ हंदअ, ज़ेभै म्हारी देही बागा का हर धैल़ै पराणीं लागा हंदी, परमेशर बणांआ हाम्हां भितरा का म्हारी आत्मां दी हर धैल़ै नऊंऐं। Faic an caibideilकुल्वी16 तैबै आसै हिम्मत नैंई चोड़दै; ज़ैबैकि आसरा बाहरी मांहणु रा शरीर नाश बी होंदा ज़ा सा, ता बी आसरा आँध्रै रा मांहणु हर रोज़ नोऊँआ होंदैआ ज़ा सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम16 एतकि तणी हामे हियाब नांई छाड़दे; किबेकि महारा बाहरी मनुष्यत्व नष्ट हुँदा, तेबा भी महारा भीतरी मनुष्यत्व हर धयाडी नउंआँ हुँदा रहंदा। Faic an caibideil |