2 कुरिन्थी 3:3 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान3 अह आसा शुझदअ कि थारी बदल़ी दी ज़िन्दगी आसा च़िठी ज़ुंण मसीहा आसा लिखी दी। तेऊए अह च़िठी लिखणी आसा म्हारै कामों फल। ईंयां निं सैही करै या पात्थरे तगती दी आथी लिखी दी पर ईंयां आसा ज़िऊंदै परमेशरे आत्मां करै मणछे दिले तगती दी लिखी दी। (लुआह 24:12; यिर्मयाह 31:33; यजकेल 11:19-20) Faic an caibideilकुल्वी3 ऐ प्रगट सा, कि तुसै मसीही री एक चिट्ठी सांही सी, होर ऐ चिट्ठी आसरी सेवा रा नतीज़ा ती; होर ज़ो स्याही सैंघै नी लिखदे; पर ज़िन्दै परमेश्वरै री आत्मा सैंघै पात्थरै री तख्ती (पटिया) पैंधै नी, पर दिले री मांस रूपी पटिया पैंधै लिखु सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम3 यह प्रकट साहा कि तमे मसीहा री पत्री साहा, जोह हामे सेवा रे बराबर लिखी, होर जोह स्याही संघे नांई पर जिऊंदे परमेश्वरा री आत्मा का, पाथरा री तकती में नांई, पर दिला री मास रूपी तकती में लिखी। Faic an caibideil |
मुर्ति लै निं परमेशरे मांदरा दी ज़ैगा आथी। किल्हैकि हाम्हैं ता ज़िऊंदै परमेशरै मांदर आसा, ज़िहअ परमेशरै पबित्र शास्त्रा दी आसा बोलअ द, (लेबी बधान 26:11-12; यिर्मयाह; 32:38; यजकेल 37:27) “मुंह बस्सणअ तिन्नां मणछा संघै और मुंह रहणअ तिन्नां मांझ़ै हांढदै-फिरदै। हुंह हणअ तिन्नों परमेशर और तिंयां हणैं मेरै लोग।”