2 कुरिन्थी 3:12 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान12 इहअ करै बोला हाम्हैं एतरी आशा और हैअ डाही करै। Faic an caibideilकुल्वी12 ता ऐण्ढी आशा रखिया आसै हिम्मती सैंघै बोला सी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम12 एतकि एडी आशा डाही करे हियाबा संघे बोला, Faic an caibideil |
पर तज़ी बी, ज़ै हुंह मंडल़ी दी खास्सै विश्वासी मांझ़ै होए ता हुंह निं होरी रंगे भाषा बोलदअ किल्हैकि पाखली बोली ज़ुंण कोहै निं समझ़ी सकदअ तेथ बोलै होए मंऐं दस हज़ारा बैण पर तिंयां निं कोही समझ़ आऐ कि मंऐं कै बोलअ! तेता का आसा मेरै बोलै दै तिंयां पांज़ बोल ई भलै ज़ुंण लोगा समझ़ एछे और ज़ेता करै तिन्नां शिक्षा भेटे।
मंऐं लाअ ताल्है किज़ै इहअ बोली ज़ुंण ताह करनअ लागे। ज़ुंण हक मुल्है मसीहा आसा दैनअ द, तेता करै सका त हुंह ताल्है इहअ करनैओ हुकम दैई, पर हुंह निं इहअ च़ाहंदअ। पर हुंह बोला एही ताल्है एता करना लै किल्हैकि हाम्हैं करा एकी दुजै और परमेशरे लोगा संघै झ़ूरी। ऐबै करा ताखा हुंह पल़सी प्रोढअ मणछ अरज़ और सह ज़ुंण लोगै कैद खानै दी आसा बंद किअ द, किल्हैकि हुंह करा मसीहा ईशूए सेऊआ।