2 कुरिन्थी 2:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 हुंह निं इना गल्ला साबा का बाधू आथी लागअ द बोलदअ, पर ज़ुंणी दुखी किऐ तेऊ किऐ मुखा ज़ादै तम्हैं दुखी। (गलाती 4:12) Faic an caibideilकुल्वी5 अगर कोइयै दुःखी केरै सी, ता मुँभै ही नी पर किछ़-किछ़ ता तुसै सैभ बी दुःखी केरै सी, कि ऐथा न ज़ादा हांऊँ तुसाबै किछ़ होर नी बोलणा च़ाँहदा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 अगर तमे कुंणी नराझ करी दे साहा, तेबा महाही नांई पर (कि तेऊ संघे बखे कड़ाई नांई करूँ) कुछ-कुछ तमे सभे भी नराझ करी दे। Faic an caibideil |