2 कुरिन्थी 2:4 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान4 मंऐं ती सह च़िठी बडै दुखा और सांगटा और मना भितरी लेरी-लेरी लिखी दी, सह निं मंऐं एते तैणीं लिखी कि तम्हैं लोल़ी दुखी हुऐ, पर एते तैणीं आसा लिखअ दी कि तम्हैं लोल़ी मेरी सह झ़ूरी समझ़ी ज़ुंण मुंह तम्हां संघै आसा। Faic an caibideilकुल्वी4 बड़ै दुःख होर मना रै कष्टा न हांऊँ तुसरी तैंईंयैं बोहू रोई-रोईया ऐ चिट्ठी लिखा सा, तेथा री तैंईंयैं नी, कि तुसै दुःखी होलै, पर ऐथा री तैंईंयैं कि तुसै तेसा बोहू झ़ुरी बै ज़ाणलै, ज़ो मुँभै तुसा सैंघै सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम4 बडे क्लेश होर मना रे कष्टा का, मांई बखे आर्शु वहाई-वहाई करे तमा बे लिखूदा थी, एतकि तणी नांई कि तमे नराझ हो पर एतकि तणी कि तमे तेऊ बडे प्रेमा जाणा, जोह महा तमा का साहा। Faic an caibideil |