2 कुरिन्थी 13:1 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान1-2 ऐबै एछणअ मुंह चिऊथी बारी इना गल्ले फैंसलै करदअ तम्हां सेटा लै ज़िहअ पबित्र शास्त्र बोला, “हर गल्लो फैंसलअ करनअ दूई या चिई गवाही सम्हनै।” (बधान 19:15) ज़धू हुंह दुजी बारी तम्हां सेटा लै आअ तधू तै हाम्हैं चअन ज़ण्हैं, तधू हेरअ त मंऐं बोली कि मुंह दैणीं तिन्नां लै सज़ा ज़ुंण तम्हां मांझ़ै कबल्लै पाप करनै आल़ै मणछ आसा। ऐबै दैआ हुंह भी तिन्नां लै और होरी सोभी लै भी चतैनगी कि हुंह अज़ी बी तम्हां का दूर, ज़ेभै हुंह भी तम्हां सेटा लै एछे तेभै निं तिन्नां हुंह छ़ाडी गअ। Faic an caibideilकुल्वी1-2 शास्त्रा न ऐ लिखू सा कि “सैभी गैला री तैंईंयैं दुई या त्राई गुआह री गुआही सैंघै फैसला केरू लोड़ी।” मैं पैहलै न ओरु तिन्हां लोका बै चेताऊणी धिनी सा, ज़ो मेरी दुज़ा सफ़रा पैंधै तौखै ती, ज़ैबै तै पाप केरदै लागै ती। ऐबै हांऊँ तिन्हां बै होर होरी सैभी बै दबारा चेताऊणी देआ सा, ज़ैण्ढा मैं पैहलै ऐसा चिट्ठी न केरू ती। ऐबै हांऊँ तुसा हागै त्रीजी बार ऐणु आल़ा सा, होर अगर तिन्हैं हाज़ी बी पाप केरना बन्द नी केरू, ता कोई बी सज़ा न नैंई बच़ी सकदै। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम1 एबा चिऊणी बारी तमा सेटा ईंहंदा दुई या चीई गुआही रे मुँहा का हर एक गल ठहराउंणी। Faic an caibideil |