2 कुरिन्थी 12:21 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान21 किधी इहअ निं हआ ज़ेभै हुंह तम्हां सेटा भी फिरी एछूं तेभै पल़े मुंह परमेशरा सम्हनै शर्मिंदअ हणअ और मुंह तिन्नां लै शोग करनअ पल़े ज़ुंणी पैहलै निक्कै काम, शर्मिंदै करनै आल़ै काम और कंज़रैई ज़िहै पाप करनै अज़ी बी आपणअ मन निं बदल़अ। Faic an caibideilकुल्वी21 कोइँछ़ै ऐण्ढा नी हो कि ज़ैबै मूँ तुसा हागै वापस ऐणा, मेरा परमेश्वर मुँभै नम्र केरै होर मुँभै बोहू री तैंईंयैं फिरी दुःखी होंणा पौड़ै, ज़ुणियै आपणै पराणै पाप नैंई छ़ौड़ै। बुरै कोम, होर लुचपन, शर्मा री गैला, ज़ो तिन्हैं केरी, मन नी बदलू। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम21 होर कई एडा ना हो कि मेरअ परमेश्वर मेरे अशुद्ध हुणे का थारे अखे ईहंणे में महा पेन्दे दबाब पाए होर महा बहू बे भी शोक करणा पडे, जूणी पहिले पाप करू थी, होर गन्दे काम ब्यभिचार होर लुचपना का, जोह जूणी करू, मन नांई फेरु। Faic an caibideil |
इस्राएली और स्वर्ग दूता ज़ेही करा एसा गल्ला बी आद कि तिन्नां लोगा संघै किज़ै हुअ ज़ुंण सदोम और अमोरा नगरी और तेता नेल़ होरी नगरी रहा तै। तिंयां लोग हुऐ तै कंज़रै और तिंयां तै हर रंगे कंज़रैई करै भर्हुऐ दै। ता परमेशरै किऐ तिंयां आगी करै दहई खतम। इना लै इहअ हणअ आसा झ़ुठी शिक्षा दैणैं आल़ै लै चतैनगी कि तिन्नां बी भेटणीं सदा रहणैं आल़ी आगी दी सज़ा। (2 पतरस 2:6; मूल़ 19:4-25; बधान 29:23)
“पर ज़ुंण मुंह दी भरोस्सअ नांईं डाहे, तिंयां पाणै ज़ोरा-ज़ोरी तेऊ समुंदरा दी ज़ुंण गंधका करै ज़ल़ा, सह आसा दुजी मौत। अह इहअ नतिज़अ हणअ तिन्नां लोगो बी ज़ुंण होरी लोगा सम्हनै मेरअ नांअ लणै का डरा, ज़ुंण बूरै काम करा, ज़ुंण होरी मारी पाआ, ज़ुंण कंज़रैई करा, ज़ुंण ज़ादू करा, मुर्तिए पूज़ा करा और झ़ुठअ बोला।” (1 कुरिन्थी 6:9-10; इफिसी 5:5)