2 कुरिन्थी 12:11 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान11 ज़ांऊं मंऐं तम्हां लै एऊ साबै ऐडै ज़िहअ लिखअ, ता मुंह फिरी आप्पू बी माल़ी, पर मुंह पल़अ लिखणअ किल्हैकि तम्हां लागा त मुंह प्रैंदै भरोस्सअ करनअ। तम्हां लागा त हुंह हथू सराहणअ पै, किल्हैकि हुंह निं किछ़ बी आथी त पर हुंह निं किछ़ू गल्ला दी तिन्नां का घट आथी ज़ुंण आप्पू “बडै शधाणूं” समझ़ा। Faic an caibideilकुल्वी11 तुसै मुँभै मूर्खा सांही बर्ताव केरनै पैंधै मजबूर कराऊ, कि ऐण्ढी तैरहा घमण्ड केरै। तुसाबै ता मेरी सराउथी केरनी ती, किबैकि ज़ैबैकि हांऊँ किछ़ भी नी ऑथि, फिरी भी तिन्हां बड़ै न बड़ै प्रेरिता न भी कौसी गैला न कम नी ऑथि। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम11 हाऊं मुर्ख तअ बणु, पर तमे ही हाऊं एता करण बे बिबश करू। तमा तअ मेरी प्रशंसा करी लोड़ी, किबेकि हाऊं किछे भी नांई, तेबा भी त्या बडे का बडे प्रेरिता का कासु गला का कम नांई। Faic an caibideil |