2 कुरिन्थी 10:18 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान18 किल्हैकि ज़ुंण आपणीं बड़ाई आप्पू करा, सह निं किछ़ै हंदी, पर ज़सरी बड़ाई प्रभू करा सह ई हआ परमेशरे आछी भलअ। Faic an caibideilकुल्वी18 किबैकि ज़ो आपणी सराउथी केरा सा, सौ नैंई, पर ज़ुणिरी सराउथी प्रभु केरा सा, सौ परमेश्वरा री नज़री न शोभला सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम18 किबेकि जोह आपणी बड़ाई करा सह नांई, पर ज़ासकी बड़ाई परमेश्वर करा, सह ग्रहण लायक हुँदा। Faic an caibideil |
हाम्हैं करा परमेशरा का एही अरज़ कि तम्हैं निं लोल़ी किछ़ै बूरअ काम किअ। हाम्हैं निं एसा गल्ला रहैऊंणा लै प्राथणां करदै कि ज़ुंण मसीहे सेऊआ हाम्हैं तम्हां मांझ़ै की तेथ हुऐ हाम्हैं सफल, पर हाम्हैं च़ाहा इहअ कि तम्हैं तेता करे ज़ुंण भलअ आसा। ज़ै हाम्हैं सफल हंदै नांईं बी शुझिए, तैबी च़ाहा हाम्हैं कि तम्हैं लोल़ी सफल हुऐ।
इना दुखो मकसद हआ कि थारअ विश्वास परमेशरा दी पाक्कअ शुझिए। थारअ ईशू मसीहा दी विश्वास आसा सुन्नैं का बी खास्सअ किम्मती। ज़ुंण बरैबाद बी सका हई तेऊ सुन्नैं बी परखा और आगी करै करा तेऊ शुचै, ज़ै थारअ विश्वास परखणैं और दुखा दी पाक्कअ रहे, एता करै भेटणीं तम्हां तैहा धैल़ी खास्सी खुशी, प्रतप और अदर ज़ेभै ईशू मसीहा सारै संसारा दी प्रगट हणअ। (याकूब 1:12; आयूब 23:10; भज़न 66:10; याशायाह; 48:10)