2 कुरिन्थी 10:14 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान14 ज़धू हाम्हैं तम्हां सेटा पुजै तै हाम्हैं निं हदा का आजू नाठै ज़िधी तैणीं परमेशरै हाम्हां लै काम करना लै हद आसा ती डाही दी। तेऊ दैनअ हाम्हां लै थारअ लाक्कअ और हाम्हैं तै पैहलै मणछ ज़ुंणी कुरिन्थ नगरी पुजी करै तम्हां का मसीहो खुशीओ समाद खोज़अ। Faic an caibideilकुल्वी14 किबैकि आसै आपणै आपु बै आपणी सीमा न बाहर बढ़ाणा नी च़ाँहदै, ज़ैण्ढा कि तुसा तैंईंयैं पुजणै री दशा न हुआ ती, पर आसै तुसाबै मसीह रा खुशी रा समाद दसणै री तैंईंयैं कुरन्थी शैहरा रै सैभी बौता रै सफ़र केरनै रै पैहलै ती। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम14 किबेकि हामे आपणी सीमा का बागे आपणे आपु बागे बढ़ाउणा नांई चाहंदे, जेडा कि तमा तणी नांई पूज़णे री दिशा में हुँदा, पर मसीहा रा सुसमाचार शुणाउंदे तमा सेटा पूजी छेकी। Faic an caibideil |