2 कुरिन्थी 10:12 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान12 किल्हैकि हाम्हां निं एतरी हिम्मत आथी कि हाम्हैं तिन्नां इहै मणछा संघै आप्पू गिणी और तिन्नां संघै मिली सके ज़ुंण आपणीं सराहणा आप्पू करा, और आपणैं आप्पू मांझ़ै नापी-तोली करै एकी दुजै संघै मलान करी करै ऐडअ बणां। Faic an caibideilकुल्वी12 किबैकि आसाबै ऐण्ढी हिम्मत नी कि आसै आपणै आपु बै तिन्हां मोंझ़ै न केतरै सैंघै गिणिना, या फिरी तिन्हां सैंघै मिलिले, ज़ो आपणी प्रशंसा केरा सा, होर आपणै आपु बै नापी तोलिया ऐकी होरी सैंघै बराबरी केरिया मुर्ख बणा सी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम12 किबेकि हामा यह हिम्मत नांई कि हामे आपणे आपु बे त्या मेंज़ा का एडे कासी संघे गिणे या त्याह का आपणे मिलाए, जोह आपणी प्रशंसा आपे करा, होर आपणे आपु बे आपु में नाप तोल करी करे एकु दूजे संघे मिलान करी करे मुर्ख ठहरा। Faic an caibideil |