2 कुरिन्थी 1:8 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान8 भाईओ, हाम्हैं निं च़ाहंदै कि तम्हैं म्हारै तेऊ दुखा का नज़ाण रहे ज़ुंण एशिया लाक्कै दी हाम्हां लै पल़अ। हाम्हैं दाभूऐ तै इहै गरकै बोझ़ै करै ज़ेता च़कणें शगती हाम्हां का नांईं आथी ती और हाम्हैं सका तै मरी बी। Faic an caibideilकुल्वी8 हे आसरै विश्वासी भाई बैहणियो, आसै नी च़ाँहदै कि तुसै आसरै दुःखा रै बारै न नज़ाण रौहा, ज़ो आसिया प्रदेशा न आसा पैंधै पौड़ू ती, कि ऐण्ढै भारी बौझे सैंघै दाबु हुन्दै ती, ज़ो आसरी शक्ति न बाहरै ती, औखै तैंईंयैं कि आसै आपणी ज़ीणै री सारी आश छ़ौड़ी धिनी ती। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम8 हे भाईओ, हामें नांई चाँहंदे कि तमे माहरे तेऊ कलेशा का अनजान रहा जोह आसिया में हामा पेन्दे पढू; हामे एडे भारी बोझा में दबी दे थी, जोह माहरी सामर्थ्य का बागे थी, अखे तणी कि हामे आपणी जिंदगी का भी हाथ धोई छेकू थी। Faic an caibideil |
इधी इफिसुस नगरी आसा मेरै दुशमण बणें ज़ीबा ज़िहै ज़ुंण मुंह बरैबाद च़ाहा करनअ। ज़ै मुंह एऊ संसारै ई भेटणअ फल ता; तै कै ज़रुरत पल़ी मुंह एतरै दुख ज़िरने! ज़ै अह ई गल्ल आसा शुची कि खिरी निं हुंह मरी करै भी ज़िऊंदअ हणअ ता; तै आसा अह गल्ल ई ठीक ज़िहअ बोला, (याशायाह 22:13) “एछा खाआ-पिआ मौज़ करा, किल्हैकि काल्ला ता हाम्हां मरनअ लागणअ।”
तम्हैं ज़ाण्हिंआं इहै कि तम्हां का आसा सोभै आत्मिक च़िज़ा ज़ेते तम्हां गरज़ ती। तम्हैं समझ़ा इहअ कि तम्हां का आसा तिंयां सोभै गल्ला पैहलै ई का ज़ुंण पबित्र आत्मां लोगा लै दैआ। तम्हैं समझ़ा इहअ कि हाम्हां बाझ़ी आसा तम्हैं पैहलै ई का राज़ै ज़िहै राज़ करदै लागै दै। ज़ै तम्हैं असली दी हेरअ राज़ै ज़िहअ राज़ करनअ शुरू करी ता मुंह हणीं एसा गल्ले खुशी, हाम्हैं बी सका तम्हां संघै राज़ करी।