2 कुरिन्थी 1:1 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान1 अह च़िठी आसा मुंह पल़सी और मसीहा दी मेरै भाई तिमुतुसा बाखा ज़ुंण परमेशरे मरज़ी दी मसीहा ईशू लै शादै दै और शधाणूं आसा। हुंह लिखा एता परमेशरे तेसा विश्वासी मंडल़ी लै ज़ुंण कुरिन्थ नगरी दी आसा और सारै अखाया लाक्कै दी सोभी पबित्र लोगा लै। Faic an caibideilकुल्वी1 हांऊँ पौलुसे री तरफा न ज़ो परमेश्वरै री मर्जी न मसीह यीशु रा प्रेरित सा, होर आसरै विश्वासी भाई तीमुथियुसै री तरफा न ज़ो परमेश्वरै री तेसा मण्डली रै नाँ ज़ो कुरिन्थियुस शैहरा न सी; होर सारै अखाया प्रदेशा रै सैभ पवित्र लोका रै नाँ ऐ चिट्ठी लिखी सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम1 पौलुसा री तरफा का जोह परमेश्वरा री इच्छा का मसीह यीशु रे प्रेरित साहा, होर भाई तिमोथी री तरफा का परमेश्वर तेसा कलीसिया रे ना थी जोह कुरिन्थुसा में साहा, होर सारे अखया रे सब पवित्र लोका रे ना। Faic an caibideil |