1 तिमुतुस 4:1 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान1 पर पबित्र आत्मां बोला साफ इहअ कि खिरीए धैल़ै छ़ाडणअ कई लोगा मसीहे शिक्षा दी विश्वास करनअ। तिन्नां मनणै भूत आत्मां ज़हा तिंयां कबाता पाणै और तिन्नां करनअ तिन्नां झ़ुठी शिक्षा दी विश्वास ज़ुंण भूत आत्मां का एछा। Faic an caibideilकुल्वी1 पर पवित्र आत्मा स्पष्ट रूपा न बोला सा कि, आखरी बौगता न किछ़ लोका मसीह शिक्षा पैंधै बशाह केरना बन्द केरना। तिन्हां बुरी आत्मा ग्रहण केरनी ज़ो तिन्हां बै भरमा सा होर झ़ूठी शिक्षा पैंधै बशाह केरना ज़ो बुरी आत्मा न एज़ा सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम1 पर आत्मा रांबडे ढंगे बोला की, इहणे आले वक्ता में बहु लोका आत्मा होर दुष्टात्मा री शिक्षा परेदे मन लाई करे बुशाहा में बहकणे। Faic an caibideil |
सह आसा देहीओ मूंड और सह ई करा सारी देहीए हेर सभाल़ और सह डाहा सोभी आंगा एकी दुजै दी ज़ोल़ी। ताकि तिंयां इहै बझ़े ज़िहअ परमेशर च़ाहा। धैन डाहै कि कुंण मणछ तम्हां कबाता पाई स्वर्ग दूते भगती कराऊई करै तेसा ठुर्हे भागा का नभागै नां करे। इहअ मणछ बोला कि हाम्हां का रहैऊऐ परमेशरै दर्शण एता करै हआ तिंयां ऐडै ज़िहै घमंडा करै ज़ेही मणछे सोठ हआ। तिन्नैं हेरअ मसीहा छ़ाडी।
ज़िहै खास्सी साला पैहलै झ़ुठै गूर निखल़ै तै, तिहै ई निखल़णैं झ़ुठी शिक्षा दैणैं आल़ै तम्हां मांझ़ै। तिन्नां पाणै लोग झ़ुठी शिक्षा करै मसीहा दी विश्वास करनै का कबाता। तिन्नां झ़ुठी शिक्षा दैणैं आल़ै निं ईशू मसीहा आपणअ मालक मंदै ज़ुंणी तिंयां पापे शगती का आज़ाद किऐ। इहअ करै हणैं तिंयां आप्पू ई नभैऊशै बरैबाद।
किल्हैकि कई लोग आसा तम्हां संघै मंडल़ी दी ज़ुल़ै दै ज़ुंण ईशू मसीहा दी विश्वास करनैओ दखाअ करा। तिंयां निं परमेशरो अदर करदै और तिंयां दैआ एही झ़ुठी शिक्षा कि परमेशरै हेरै म्हारै पाप माफ करी और हाम्हैं सका कंज़रैई दी ज़िन्दगी ज़िऊई। तिंयां निं ईशू मंदै ज़ुंण म्हारअ एक्कै गूरू आसा और प्रभू आसा। खास्सी साला पैहलै आसा पबित्र शास्त्रा दी इहअ लिखअ द, “परमेशरा दैणीं इना इहै लोगा लै सज़ा।”
बाकी मणछ, ज़ुंण तिन्नां माहा मरी करै नांईं मूंऐं, तिन्नैं निं आपणैं बूरै कामां का मन बदल़अ। तिन्नैं निं हत्या, ज़ादू टोणअ, कंज़रैई, च़ोरी करनी छ़ाडी। तिन्नैं निं भूत और तिन्नां च़िज़े भगती और पूज़ा करनी छ़ाडी ज़ुंण तिन्नैं आपणैं हाथा करै आसा बणांईं दी, ज़िहै कि सुन्नैं, च़ंदी, पितल़, पात्थर और काठा करै बणीं मुर्ति ज़ुंण नां भाल़ी सकदी और नां शूणीं और नां हांढी सकदी। (2 इतिहास 34:25)