1 थिस्सलुनी 4:13 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान13 भाईओ, हाम्हैं निं च़ाहंदै कि तम्हैं तिन्नें बारै ज़ुंण मरी आसा गऐ दै, तिन्नें बारै नज़ाण रहे, इहअ निं हआ कि तम्हैं होरी ज़िहअ शोग करे, ज़हा मरनै का बाद आशा ई निं आथी। Faic an caibideilकुल्वी13 हे मेरै विश्वासी भाइयो, आसै च़ाहा कि तुसै तिन्हां विश्वासी लोका रै बारै न ज़ाणा ज़ो मूँऐं सी, ऐण्ढा नी हो कि तुसै होर लोका सांही दुःख मनात्, ज़ुणिबै दबारा ज़िन्दै होंणै री आश नी ऑथि। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम13 हे भाईयो, हाम नांई चाहंद, कि तमे त्याह रे वार में जोह सुतद साहा, अज्ञानी रहा; एडा नाह होए, कि तमे दूजे लोका साही शोक कर जासु आशा ही नांई। Faic an caibideil |