1 थिस्सलुनी 3:3 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान3 ज़ुंण दुख-सांगट तम्हां लै हुऐ बितै हाम्हैं निं च़ाहंदै कि तम्हां मांझ़ै एक बी तेते बज़्हा विश्वासा का पिछ़ू हटे। किल्हैकि तम्हां का आसा आप्पै थोघ कि हाम्हैं आसा एही ई दुख-सांगट ज़िरना लै परमेशरै छ़ांटै दै। Faic an caibideilकुल्वी3 कि कोई इन्हां दु:खै री बजहा न भटकला नी, किबैकि तुसै आपु जाँणा सी कि आसै बी दुःख सौहणै री तैंईंयैं शाधै सी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम3 कि कोई याह कलेशा हेरी करे नांई डरे; कि तमे आपे ही जाणा की हामा याही री तणी डाहीदे साहा। Faic an caibideil |