1 पतरस 3:3 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान3 थारअ हार शंगार निं लोल़ी दखाऊटी हुअ, थारअ शंगार लोल़ी इहअ हुअ ज़ुंण परमेशरे लोगा शोभा दैआ, नां कि कई रंगे गुछ़टी बाली करै और सुन्नैं च़ंदी, मोती, और किम्मती झिकल़ै बान्हीं करै। Faic an caibideilकुल्वी3 होर तुसरा शिंगार दिखावटी नी होला, मतलब बाल गुँधणा होर सुनै रै गैहणै या भाँति-भाँति रै झिकड़ै लाणै, Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम3 थारा श्रृगार दिखाबटी नांई हो, मतलब बाल गूँथना होर सुने रे गहन या भंति-भंति रे झिकड़े बानणा। Faic an caibideil |