1 कुरिन्थी 9:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 ज़िहै ईंयां होर शधाणूं, प्रभूए होर भाई और पतरस आपणीं लाल़ी संघा ओर्ही-पोर्ही निंयां, तिहअ आसा मुंह बी हक हुंह कहा विश्वासी शोहरी संघै बैह करी करै आप्पू संघा डाहे। Faic an caibideilकुल्वी5 ज़ैण्ढै दुज़ै प्रेरित होर प्रभु रै भाई होर पतरस आपणी लाड़ी बै सैंघै नेआ सी सफरा रै दौरान, मूँ हागै भी अधिकार सा कि हांऊँ भी मसीह बेटड़ी न ब्याह केरनु होर आपु सैंघै नेहनू। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 कैह हमारा यह अधिकार नांई, की कासू मसीहा बहीणे संगे ब्याह करी करे तेसा संघे रहू, जेड़ा होरी प्रेरित होर प्रभु रे भाई होर कैफा करदा, Faic an caibideil |
पर ज़ै कुंण मर्ध विश्वास निं करदअ, बैईदाऊअ दैई ज़ुदअ रहे, ता तेऊ दै ज़ुदअ रहणैं, ज़ै विश्वास नांईं करनै आल़ै मर्ध-बेटल़ी बैईदाऊअ दैणअ च़ाहा ता तेखअ आसा विश्वासी तेऊ बैहा का आज़ाद। परमेशरै आसा हाम्हैं मिलदै-ज़ुल़दै शादै दै। पर ज़ै हई सके ता सारी ज़िन्दगी रहणअ कठा च़ाऐ तिंयां विश्वास करा च़ाऐ नांईं करा किल्हैकि परमेशरै आसा हाम्हैं मेल़-ज़ोल़ा संघै ज़िऊंदै शादै दै।