1 कुरिन्थी 9:18 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान18 ता मेरी मज़दूरी कुंण ज़ण्हीं आसा? अह कि खुशीए समादा खोज़णा लै दैंऊं मसीहा खुशीओ समाद बाझ़ी मोलै, अह ई आसा मेरी मज़दूरी, हुंह सका बाझ़ी मज़दूरी करै बी खुशीओ समाद खोज़ी, ज़ै कि मुंह आसा हक कि हुंह सका आपणीं गरज़ा पूरी करना लै मज़त मांगी। Faic an caibideilकुल्वी18 ता मेरी मजदूरी कि सा? सौ ऐ सा कि मुँभै मौका मिलू सा खुशी रै समादा बै मुफ्ती न शुनाणै रा तैबै ज़ैबै हांऊँ खुशी रा समाद शणा सा ता हांऊँ आपणै कोई अधिकारा री माँग नैंई केरदा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम18 तेऊकी तेबा कुण मजबूरी साहा? यह कि सुसमाचार शुडाऊणे में हाउ भी मसीहा रे सुसमाचारा सेंत-मेंत करु अखे तणी कि सुसमाचारा में जोह मेरा अधिकार साहा तेता भी हाऊं राम्बडे कामा में आणू। Faic an caibideil |
ज़िहअ तम्हैं तिन्नां होरी लै ढबै-धेल्ले मज़त करा ज़ुंण तम्हां सेटा एछी प्रच़ार करा, बरनबास और मेरअ आसा मसीहा दी तिन्नां का बी खास्सअ हक किल्हैकि हाम्हैं तै तम्हां लै शधाणूं। पर हाम्हैं निं तम्हां म्हारी मज़त करना लै ज़ोर दैनअ ज़ेता हाम्हैं तम्हां का च़ाहा तै। पर हाम्हैं आसा सोभी गल्ला ज़िरना लै तैर ताकि हाम्हैं निं लोल़ी खुशीए समादा शुणना लै कसा लै अल़च़न हुऐ।