1 कुरिन्थी 9:12 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान12 ज़िहअ तम्हैं तिन्नां होरी लै ढबै-धेल्ले मज़त करा ज़ुंण तम्हां सेटा एछी प्रच़ार करा, बरनबास और मेरअ आसा मसीहा दी तिन्नां का बी खास्सअ हक किल्हैकि हाम्हैं तै तम्हां लै शधाणूं। पर हाम्हैं निं तम्हां म्हारी मज़त करना लै ज़ोर दैनअ ज़ेता हाम्हैं तम्हां का च़ाहा तै। पर हाम्हैं आसा सोभी गल्ला ज़िरना लै तैर ताकि हाम्हैं निं लोल़ी खुशीए समादा शुणना लै कसा लै अल़च़न हुऐ। Faic an caibideilकुल्वी12 अगर तुसै तुसा मौंझ़ै प्रचार केरनु आल़ै री मज़त केरी, ता कि तिन्हां न बढ़ी केरिया ऐतरा भी अधिकार नैंई ऑथि कि तुसै आसरी मज़त केरलै? पर आसै सैभ किछ़ सौहणै री त्यार हुऐ ताकि मसीह रै खुशी रै समादा पैंधै बशाह केरनै री तैंईंयैं कोई रुकावट न हो। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम12 जेवा होरी रा तमा पेन्दे ऐतरा अधिकार साहा, तेबा कैह हमारा त्याका हिस्सेदार नांई हुणा? पर हामे यह अधिकार कामा में नांई आणू; पर सबे अधिकार मना कि हामा का मसीहा रे सुसमाचारा में किछे रोक नांई होए। Faic an caibideil |