1 कुरिन्थी 7:28 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान28 पर ज़ै तूह बैह बी करे, ता; तैबी निं किछ़ै पाप आथी, ज़ै कहा ज़ुआन शोहरीओ बैह होए ता सह बी निं पाप आथी पर आझ़काला एऊ बगता भाल़ी हणअ बैह किऐ दै मणछा लै दुख और हुंह च़ाहा इना खरी का तम्हां बच़ाऊंणअ। Faic an caibideilकुल्वी28 पर अगर तु ब्याह भी केरला, ता पाप नी ऑथि, होर अगर कुँआरी ब्याही जाऐ ता कोई पाप नी ऑथि। पर ज़ो लोका ब्याह केरना चाहा सी तिन्हां बै कई दुःख सौहणै पौड़नै होर हांऊँ तुसाबै तिन्हां दुःखा न बच़ाणा चाहा सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम28 पर अगर तुह ब्याह भी करे, तेबा पाप नांही पर अगर कुआरी ब्याह तेबा कोई पाप नांही पर एडा शरीरा में दुःख हुणे। होर हाऊं बचाउणा चाहदा। Faic an caibideil |