1 कुरिन्थी 5:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 तेखअ ज़ुंण मणछ पापी सभाबे साबै बभार करा तेऊ काढै तम्हैं प्रभू ईशू मसीहे शगती करै मंडल़ी का बागै राख्से बशै हणां लै। हई सका सह पाप करनै का आपणअ मन बदल़े और तैहा धैल़ी तेऊओ उद्धार होए ज़ेभै प्रभू ईशू फिरी एछणअ। Faic an caibideilकुल्वी5 सौ मांहणु ज़ो पापी स्वभावा न ज़ीआ सा तेइबै आपणी मण्डली न बाहरै खोला होर तेई मांहणु बै शैताना रै अधिकारा न वापस देआ ताकि आश सा कि तेई आपणै पापा न मन बदलणा। किबैकि अगर सौ मन बदला सा ता सौ तेई रोज़ बच़ाईणा, ज़ैबै प्रभुऐ न्याय केरना। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 शरीरा रे नाशा री तणी शैताना वै दे, पर तेऊरी आत्मा प्रभु यीशु मसीह री धयाडी उद्धार पाये। Faic an caibideil |