1 कुरिन्थी 5:3 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान3 च़ाऐ हुंह तम्हां का खास्सअ दूर ई त, पर आत्मां दी ता आसा तम्हां संघै, और ज़िहअ ज़ाण्हिंआं त कि इहै कामां करनै आल़े बारै आसा हेरअ द मंऐं अह हुकम दैई। Faic an caibideilकुल्वी3 भलै ही हांऊँ तौखै तुसा सैंघै नैंई सा, पर मेरै मना न ऐण्ढा लागा सा कि हांऊँ असली न तेई पैंधै न्याय केरदा लागा सा ज़ो ऐ केरा सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम3 हाऊं तो शरीरा रे भावा का दूर थी, पर आत्मा रे भाव संघे तमे संघे होई करे माना हाजरी री दशा में एडा कामा करन आले रे बारे न्याय करी छेकू। Faic an caibideil |