1 कुरिन्थी 5:11 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान11 पर मेरअ बोल़णैंओ मतलब आसा इहअ कि, ज़ै कुंण तम्हां मांझ़ै मसीहा दी विश्वासी भाई हई करै बी, कंज़रै, मांण करनै आल़ै, या मुर्ति पुजणैं आल़ै, आपणीं गल्ला करै बेइज़ती करनै आल़ै, शराबी, या बूरै करनै आल़ै होए, ता तिन्नें साथ निं करी आथी, इना इहै मणछ संघै निं रोटी बी खाई। Faic an caibideilकुल्वी11 मेरा बोलणै रा मतलब सा कि; अगर कोई बोले कि सौ मसीह न बशाह केरा सा व्यभिचारी, लालची, मूर्तिपूजा केरनु आल़ै, गाल़ी देनु आल़ै, शराब पिनु आल़ै, लोका बै ठगणु आल़ै, होलै ता तेइरी संगती मता केरदै; पर ऐण्ढै मांहणु सैंघै बैशिया रोटी भी मता खाँदै। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम11 पर मेरा बोलणा एडा साहा कि कोई भाई बोली करे, व्यभिचार करा, या लालची, यह मूर्ति पूजा करन आल, या गाली दिण आलअ, यह शराबी, या ठगण आल, तेऊरी संगत नांई करे; पर एडे मणशा संघे रोटी भी नांई खाये। Faic an caibideil |
पर ज़ै कुंण मर्ध विश्वास निं करदअ, बैईदाऊअ दैई ज़ुदअ रहे, ता तेऊ दै ज़ुदअ रहणैं, ज़ै विश्वास नांईं करनै आल़ै मर्ध-बेटल़ी बैईदाऊअ दैणअ च़ाहा ता तेखअ आसा विश्वासी तेऊ बैहा का आज़ाद। परमेशरै आसा हाम्हैं मिलदै-ज़ुल़दै शादै दै। पर ज़ै हई सके ता सारी ज़िन्दगी रहणअ कठा च़ाऐ तिंयां विश्वास करा च़ाऐ नांईं करा किल्हैकि परमेशरै आसा हाम्हैं मेल़-ज़ोल़ा संघै ज़िऊंदै शादै दै।
किल्हैकि ज़ांऊं पतरस सोभी का पैहलै अन्ताकिया आअ, तधू खाई तेऊ होरी ज़ाती का विश्वासा दी आऐ दै लोगा संघै रोटी ज़सरअ खतैर निं आथी हुअ द। तेखअ बादा का ज़ांऊं याकूबा बाखा यहूदी विश्वासी अन्ताकिया आऐ ता तेखअ पाई तेऊ होरी ज़ातीए लोगा मांझ़ै खाणैं-पिणें छ़ाड़। सह डरअ तिन्नां लोगे बरोधा का ज़ुंण लोग इहअ बोला तै कि खतैर करनअ आसा ज़रूरी। (शधाणूं 10:28; 11:2-3)
“पर मुखा शुझुई ताह दी एही गलती कि ताह सेटा आसा कई इहै, तूह निं तिन्नां लोगा आप्पू का दूर करदी ज़ुंण बलाम गूरा ज़ेही झ़ुठी शिक्षा दैआ। बलाम गूरै किऐ तै बलाक राज़ै का बोली करै इस्राएली लोग पाप करना लै मज़बूर। तेऊ दैनी ती तिन्नां लै मुर्ति सेटा किऐ दै बल़ीदान की दी च़िज़ा खाणें शिक्षा और कंज़रैई दी ज़िऊंणां लै। (2 पतरस 2:15; गणांई 31:16)
“पर ज़ुंण मुंह दी भरोस्सअ नांईं डाहे, तिंयां पाणै ज़ोरा-ज़ोरी तेऊ समुंदरा दी ज़ुंण गंधका करै ज़ल़ा, सह आसा दुजी मौत। अह इहअ नतिज़अ हणअ तिन्नां लोगो बी ज़ुंण होरी लोगा सम्हनै मेरअ नांअ लणै का डरा, ज़ुंण बूरै काम करा, ज़ुंण होरी मारी पाआ, ज़ुंण कंज़रैई करा, ज़ुंण ज़ादू करा, मुर्तिए पूज़ा करा और झ़ुठअ बोला।” (1 कुरिन्थी 6:9-10; इफिसी 5:5)