1 कुरिन्थी 5:10 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान10 हुंह निं इहअ बोला कि तम्हैं एऊ संसारे कंज़रै, या मांण करनै आल़अ, या दुजै ठगणै आल़ै और मुर्ति पुजणैं आल़े निं साथ ई करी, ज़ै तम्हैं इहअ करे तै लागणअ तम्हां एऊ संसारा का निखल़णअ ई। Faic an caibideilकुल्वी10 ऐ नैंई, कि तुसै बिलकुल दुनिया रै व्यभिचारी, लालची, होर लोका बै ठगणु आल़ै, होर मूर्तिपूजा केरनु आल़ै री संगती मता केरदै; किबैकि ऐण्ढी दशा न तुसाबै दुनिया न निकलणा पौड़ा सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम10 एडा नांई कि तमे एऊ संसारा रे व्यभिचारी होर या लालची यह ठगण या मूर्ति पूजा करन आले री संगता नांई करे; किबेकि एउ साबे तमे एऊ संसारा का जरूरी निख्लणा आऊआ। Faic an caibideil |